BRC का पूरा नाम बैंक रियलाईजेसन सर्टिफिकेट ( Bank Realisation Certificate) है ,हमारे देश में विदेश से जो पैसा आता है , उसे प्राप्त करने वाले को बैंक को बताना पड़ता है की यह पैसा उसके किस कार्य के लिए प्राप्त हुआ है , और यदि व्यापार के अंतर्गत वो पैसा प्राप्त हुआ है तब तो यह और भी जरुरी हो जाता है।
हम यहाँ मॉल के बिक्री से प्राप्त पैसा के बारे में चर्चा करेंगे , यदि किसी व्यापारी को किसी माल के बिक्री ( एक्सपोर्ट ) के कारण कोई पैसा विदेश से प्राप्त होता है , तो उसे वो पैसा किस एक्सपोर्ट के बदले प्राप्त हुआ है , यह बात अपने बैंक को बताना होता है , साथ की इसका विवरण भी बैंक को देना होता है , और बैंक उस विवरण का मिलान EDPMS ( Export Data Processing and Monitoring System) से मिलान करके BRC इशू कर देगा।
आज कल सरकार अपने देश के निर्यातक को कई प्रकार के प्रोत्साहन व् वित्तीय सहायता प्रदान करती है , उन सहायता को प्राप्त करने के लिए BRC एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। BRC निर्यात के बदले भुगतान प्राप्ति का प्रमाण पत्र है।
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E-BRC क्या होता है ?
BRC प्राप्ति हेतु आवश्यक दस्तावेज
- वाणिज्यिक बिल की प्रति - आप अपने विक्रय बिल ( Sales Invoice ) की एक प्रति अपने बैंक को देने होते है।
- शिपिंग बिल की प्रति - आप को अपने विक्रित माल से सम्बंधित शिपिंग बिल की एक कॉपी भी बैंक को सबमिट करना पड़ता है।
- FIRC NUMBER - उपरोक्त विक्रय बिल का भुगतान , जब आपको बैंक में प्राप्त हुआ होगा उस समय बैंक ने उक्त इनवर्ड का एक नम्बर दिया होगा , जिसे हम विदेशी इनवर्ड रेमिटेंस सर्टिफिकेट कहते है या संछेप में FIRC Number कहते है , इसका भी रिफरेन्स अपने लेटर में देना होगा।
- Bill of Landing (BL) - इसे शिपिंग बिल भी कहा जाता है , आपका माल जिस भी शिप से जा रहा है , यह उस माल का बिल्टी है , यह आपके माल का विदेश जाने की पुस्टि करता है इसलिए इसे भी बैंक को सब्मिट करना जरुरी होता है।

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