जी एस टी का ई वे बिल सिस्टम
प्र 1 - ई -वे बिल जेनेरेट करने का कॉमन पोर्टल क्या है ?
उ 1 - ई -वे बिल जेनेरेट करने का कॉमन पोर्टल https://ewaybillgst.gov.in/ है।
प्र 2 - मैंने जी एस टी पोर्टल पर पहले ही पंजीकरण लिया हुआ है , क्या मुझे ई-वे पोर्टल पर फिर से पंजीकरण लेना होगा ?
ऊ 2 - हाँ , जी एस टी के अंतर्गत सभी पंजीकृत वक्तियो को ई-वे बिल के पोर्टल, जो कि www.ewaybillgst.gov.in है पर ,उनके जी एस टी आई एन का उपयोग करते हुए, पंजीकरण लेना होगा। एक बार जी एस टी आई एन दर्ज करने पर , सिस्टम आपके जी एस टी पोर्टल पर पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक ओ टी पी (OTP) भेजेगा और इसके प्रमाणित होने के बाद , आपको ई -वे बिल सिस्टम में अपना user name और password बनाने देगा। user name और password दर्ज करने के बाद , आप ई -वे बिल जेनेरेट करने के लिए प्रविष्टिया कर सकते है।
प्र 3 - जब भी मै पंजीकृत करने की कोशिश करता हूँ , सिस्टम गलत पता या मोबाइल नंबर दिखा रहा है। मै इस को कैसे दूर या सही कर सकता हु।
ऊ 3 - यह इस बात का घोतक है की आपने हाल में जी एस टी कॉमन पोर्टल पर अपना विवरण अपडेट किया होगा। जी एस टी कॉमन पोर्टल से नवीनतम डाटा लेने के लिए , कृपया ई -वे बिल पोर्टल पर " अपडेट फ्रॉम कॉमन पोर्टल " बटन पर क्लिक करे। यदि इस क्रिया के बाद भी गलत डाटा प्रदर्शित हो रहा है तो , जी एस टी कॉमन पोर्टल में संशोधन प्रकिया के माध्यम से विवरण अपडेट करे।
प्र 4 - ट्रांसपोर्टर को ई -वे बिल में नामांकन (एनरोल ) करने की क्या आवश्यकता है ?
ऊ 4 - कुछ ऐसे ट्रांसपोर्टर हो सकते है जो मॉल और सेवा कर अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत नहीं है , लेकिन ऐसे ट्रांसपोर्टर अपने ग्राहकों के लिए मॉल का परिवहन करते है। उन्हें 15 अंको की यूनिक ट्रांसपोर्टर आई डी प्राप्त करने के लिए ई -वे बिल पोर्टल पर नामांकन करने की आवश्यकता है।
प्र 5 - ट्रॉन्सिन या ट्रांसपोर्टर आई डी क्या है ?
ऊ 5 - ट्रॉन्सिन या ट्रांसपोर्टर आई डी 15 अंको का वह अनोखा नंबर है जो ई -वे बिल सिस्टम द्वारा अपंजीकृत ट्रांसपोर्टर के लिए तब जेनेरेट की जाती है , जब इस सिस्टम पर नामांकन करता है। यह जी एस टी आई एन के सामान ही है और राज्य कोड , पैन और चेक सम डिजिट पर आधारित है। ट्रांसपोर्टर यह ट्रान्सिन या ट्रांसपोर्टर आई डी अपने ग्राहकों के साथ साझा कर सकते है , जो मॉल परिवहन के लिए ई -वे बिल जेनेरेट करते समय इस नंबर की प्रविष्टि कर सकते है।
प्र 6 - ई -वे बिल कौन-कौन जेनेरेट कर सकता है ?ऊ 6 - मॉल के कन्साइनर या कनसायनी , एक पंजीकृत व्यक्ति के रूप में या ट्रांसपोर्टर , ई -वे बिल जेनेरेट कर सकते है। अपंजीकृत ट्रांसपोर्टर कॉमन पोर्टल पर नामांकन कर सकता है और अपने ग्राहकों के लिए मॉल के परिवहन हेतु ई -वे बिल जेनेरेट कर सकता है. कोई भी व्यक्ति अपने उपयोग हेतु मॉल के परिवहन के लिए भी नामांकन कर सकता है और ई -वे बिल जेनेरेट कर सकता है।प्र 7 - यदि ई -वे बिल में कोई गलती या गलत प्रविष्टि हो जाये तो क्या करना होगा ?
ऊ 7 - अगर ई -वे बिल में कोई गलती या गलत प्रविष्टि हो जाये , तो इसे ठीक नहीं किया जा सकता है। एकमात्र उपाय ई -वे बिल को रदद करना और सही विवरण के साथ एक नया ई -वे बिल जेनेरेट करना है।प्र 8 - क्या परिवहन किये जा रहे सभी बिलो का ई -वे बिल आवश्यक है ?
ऊ 8 - अधिसूचनाओं या नियमो के अंतर्गत छूट प्राप्त वस्तुओ के अलावा सभी मॉल के परिवहन के लिए ई -वे बिल आवश्यक है , विशिष्ट परिस्थितयो में हस्तशिल्प वस्तुवो या जॉब वर्क के उद्देश्य के लिए ले जाये जा रहे मॉल के परिवहन के लिए भी ई -वे बिल आवश्यक है, भले ही मॉल का मूल्य रू 50 ,000 से कम हो। कृपया अन्य छूटो के लिए ई -वे बिल नियमो को देखे।प्र 9 - क्या ई वे बिल की कोई वैधता अवधि है ?
ऊ 9 - हाँ , ई -वे बिल की वैधता मॉल की परिवहन की दुरी पर निर्भर करती है। नियमित वाहन या परिवहन के मामले में , प्रत्येक100 कि.मी. या कम की दुरी हेतु एक दिन की वैधता निर्धारित की गई है। ओवर डाइमेंशन कार्गो वाहनों के मामले में , प्रत्येक 20 किलोमीटर या इससे कम की दुरी हेतु एक दिन की वैधता निर्धारित की गई है। यह वैधता अंतिम दिन की मध्य रात्रि को समाप्त होगी।प्र 10 - मॉल परिवहन के साथ कौन से दस्तावेज रखना जरुरी है ?ऊ 10 - मॉल ले जा रहे वाहन के प्रभारी व्यक्ति को इनवॉइस या सप्लाई बिल या डिलीवरी चालान या बिल आफ एंट्री , जो भी लागु हो , के साथ कॉमन पोर्टल से जेनेरेट किया ई-वे बिल नंबर या ई -वे बिल की एक प्रति साथ ले जाना होगा।प्र 11 - यदि consigner या consignee के पास जीएसटीआईएन नहीं है तो , जीएसटीआईएन कॉलम में क्या दर्ज किया जाना चाहिए ?ऊ 11 - यदि consigner या consignee अपंजीकृत करदाता है और उसके पास जीएसटीआईएन नहीं है, तो यूजर को "जीएसटीआईएन" कॉलम में " यू आर पी " (अपंजीकृत व्यक्ति )दर्ज करना होगा।प्र12 - ई-वे बिल की वैधता कब शुरू होती है ?ऊ 12 - ई-वे बिल की वैधता भाग -बी में पहली प्रविष्टि करने के साथ , अर्थार्थ जब सड़क परिवहन के मामले में पहली बार वाहन की प्रविष्टि की जाएगी या रेल / वायु /जहाज परिवहन के मामले में पहली बार परिवहन दस्तावेज संख्या की प्रविष्टि , जो भी पहली एंट्री हो के साथ शुरू होती है। ध्यान रखे कि , भाग-बी में बाद की प्रविष्टियों के लिए वैधता की पुनः गरणा नहीं की जाएगी।प्र 13 - क्या ई-वे बिल तब भी आवश्यक है जब उपभोक्ता द्वारा स्वंम मॉल ख़रीदा जा रहा है और अपने गंतत्व पर ले जाया जा रहा है ?ऊ 13 - हाँ। ई-वे बिल नियमो के अनुसार , परिवहन के समय मॉल के साथ ई -वे-आवश्यक है , अगर इसका मूल्य रु 50,000 /- से अधिक है। इस परिस्थितियों में , उपभोक्ता करदाता या प्रदाय कर्ता से , उनके द्वारा जारी किये गए बिल या इनवॉइस के आधार पर , ई-वे बिल जेनेरेट करवा सकता है। इसके अलावा , उपभोक्ता भी नागरिक के रूप में नामांकन कर सकते है और ई-वे बिल स्वंम जेनेरेट कर सकते है।
प्र 14 - सिस्टम सबमिशन से पहले , सिस्टम विवरण को सम्पादित करने की अनुमति नहीं दे रहा है ? क्या कारण है
ऊ 14 - सिस्टम सबमिशन से पहले ई-वे बिल प्रविष्टियों के विवरण को सम्पादित करने की अनुमति देता है। फिर भी यदि उत्पाद / मॉल का विवरण दर्ज कर दिया गया है , सिस्टम कुछ फ़ील्ड्स को सम्पादित नहीं करने देगा। क्योकि इससे कर की दरों पर प्रभाव पड़ सकता है। ऐसा करने के लिए , कृपया उत्पादों को हटा दे और आवश्यक फील्ड सम्पादित करे और उत्पादों को फिर से दर्ज करे।
प्र 15 - कोई भी ई-वे बिल की प्रमारिक्ता या सत्यता की पुष्टि कैसे कर सकता है ?
ऊ 15 - ई-वे बिल पोर्टल के सॅर्च ऑप्शन में ईडबल्यूबी नंबर , ईडबल्यूबी तिथि , जनरेटर आई डी और दस्तावेज ( डॉक ) नंबर दर्ज करके कोई भी व्यक्ति ई-वे बिल की प्रमारिकता या सत्यता की जांच कर सकता है।
प्र 16 - एक ही कन्साइनर या कन्साइनी के कई बिलो के लिए ई - वे बिल कैसे जेनेरेट किया जायेगा ?
ऊ 16 - यदि प्रदायकर्ता द्वारा एक ही प्राप्तकर्ता को , अर्थार्थ , एक ही कन्साइनर या कन्साइनी को अगर मॉल के परिवहन के लिए एक से अधिक इनवॉइस जारी किये जाते है तो, कई ई-वे बिल जेनेरेट करने होंगे। अर्थार्थ , प्रत्येक इनवॉइस के लिए , एक ई-वे बिल जेनेरेट किया जाना है , भले ही मॉल के परिवहन में कन्साइनर या कन्साइनी एक ही हो या नहीं। एक ई -वे बिल जनरेशन में एक से अधिक इनवॉइस को जोड़ा नहीं जा सकता है। हालाँकि अगर मॉल एक ही वाहन में जा रहे है तो , सभी ई -वे बिल जेनेरेट करने के बाद , परिवहन के लिए एक समेकित (कंसोलिडेट ) ई -वे बिल तैयार किया जा सकता है।
प्र 17 - अगर प्रेषक किसी भी कारण से मॉल लेने या स्वीकार करने से इंकार करता है तो ट्रांसपोर्टर को क्या करना चाहिए ?
ऊ 17 - विभिन्न कारणों से प्रेषक या प्राप्तिकर्ता मॉल की डिलीवरी अस्वीकार कर सकता है। ऐसी परिस्थितियों में , ट्रांसपोर्टर प्रदायकर्ता या प्राप्तिकर्ता की सहायता से प्रदाय की catagari में " सेल्स रिटर्न " दर्शा कर एक और ई -वे बिल जेनेरेट कर सकता है। और प्रदायकर्ता को समक्षौते के अनुसार लौटा सकता है।
प्र 18 - ई -वे बिल की वैधता समाप्त होने पर क्या किया जाना चाहिए ?
ऊ 18 - यदि ई -वे बिल की वैधता समाप्त हो जाती है , तो मॉल का स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए। हालाँकि , विशेष परिस्थितियों और ट्रांसशिपमेंट के मामले में, ट्रांसपोर्टर फॉर्म जी एस टी ई डब्लू बी -01 के पार्ट -बी में एक्सटेंशन के कारण को अपडेट कर और उसका विवरण भरकर वैधता अवधि बढ़ा सकता है।
प्र 19 - ई-वे बिल सिस्टम में " बिल टू " , " शिप टू " इनवॉइस की एंट्री कैसे करनी है ?
ऊ 19 - व्यापारिक आवश्यकताओं के अनुसार कभी-कभी, करदाता बिल तो किसी के नाम जारी करता है और मॉल किसी और को भेजता है। इस स्थिति से निपटने के लिए ई-वे बिल सिस्टम में "बिल टू " और " शिप टू " का प्रावधान है। ई -वे बिल फॉर्म में , "टी ओ " सेक्शन के अंतर्गत दो भाग है। बाई तरफ - "बिल टू " जीएसटीआई एन और व्यापारिक नाम दर्ज किया जाता है तथा दाई तरफ - "शिप टू " परिवहन के गंतत्व का पता दर्ज किया जाता है। अन्य विवरण इनवॉइस के अनुसार दर्ज किये जायेंगे।
यदि "शिप टू " राज्य " बिल टू " राज्य से अलग है , तो कर का विवरण बिलिंग पार्टी के राज्य के अनुसार दर्ज किया जाता है। अर्थार्थ यदि प्रदायकर्ता के लिए बिल टू पार्टी का स्थान राज्यान्तर्गत है तो एसजीएसटी और सीजीएसटी दर्ज किया जाना है , भले ही मॉल का परिवहन राज्य के अंदर या राज्य के बाहर हुआ हो।
प्र 20 - क्या पार्ट-बी (भाग-बी ) ई-वे बिल के लिए आवश्यक है ?
ऊ 20 - ई-वे बिल केवल तभी पूरा होता है जब पार्ट-बी दर्ज किया जाता है। अन्यथा ई-वे बिल का प्रिंटआउट मॉल परिवहन के लिए अमान्य होगा। मॉल के परिवहन के लिए ई-वे बिल के भाग-बी को भरना आवश्यक है। हालाँकि , एक ही राज्य में कन्साइनर के स्थान से ट्रांसपोर्टर के स्थान की दुरी 50 कि.मी. से कम हो तो यह आवश्यक नहीं है।
प्र 21 - क्या , मॉल का वजन कराने के लिए तौलकांटे तक परिवहन के लिए , ई-वे बिल आवश्यक है ?
ऊ 21 - एक ही राज्य के अंदर , वजन कराने के लिए कन्साइनर के व्यापार के स्थान से तौलकांटे तक या तौलकांटे से कन्साइनर के व्यापार के स्थान पर वापस लाने के लिए , यदि यह दुरी 20 कि.मी. से कम हो तो मॉल के आवाजाही के लिए ई -वे बिल की आवस्यकता नहीं है , बशर्ते नियम 55 के अनुसार जारी किया गया डिलीवरी चालान मॉल के परिवहन के साथ रक्खा जाय।
प्र 22 - वाहन ख़राब हो जाने पर (ई-वे बिल में ) क्या किया जा सकता है ?
ऊ 22 - ई-वे बिल के अंतर्गत मॉल के परिवहन के दौरान अगर वाहन ख़राब होता है तो ट्रांसपोर्टर वाहन की मरम्मत करा सकता है और उसी ई-वे बिल में यात्रा जारी रख सकता है। अगर उसे वाहन बदलना है , तो वह ई-वे बिल पोर्टल पर पर उस ई-वे बिल के भाग बी में " अपडेट व्हीकल नंबर "विकल्प का उपयोग कर नए वाहन का विवरण दर्ज कर ई-वे बिल की मूल वैधता अवधि के भीतर इस नए वाहन में यात्रा जारी रख सकता है।
प्र 23 - क्या अधिकृत ट्रांसपोर्टर द्वारा ई-वे बिल एंट्री किसी अन्य ट्रांसपोर्टर को निर्दिष्ट (असाइन ) की जा सकती है ?
ऊ 23 - अधिकृत ट्रांसपोर्टर मॉल के आगे के परिवहन के लिए किसी भी नामांकित या पंजीकृत ट्रांसपोर्टर को ई-वे बिल निर्दिष्ट कर सकता है। इसके बाद नया ट्रांसपोर्टर केवल ईडब्लूबी -01 के पार्ट बी को अपडेट कर सकता है।
प्र 24 - क्या मै ई-वे बिल के अंतर्गत मॉल को ले जाने के लिए परिवहन के विभिन्न माध्यमों का उपयोग कर सकता हु ? यदि हाँ , तो विवरण कैसे अपडेट करें ?
ऊ 24 - हाँ , परिवहन के विभिन्न माध्यमों - सड़क ,रेल ,वायु , जहाज से मॉल का परिवहन किया जा सकता है। परन्तु पोर्टल में " अपडेट व्हीकल नंबर/ मोड ऑफ़ ट्रांसपोर्ट " विकल्प का उपयोग कर के ई -वे बिल के पार्ट-बी में परिवहन के नवीनतम माध्यम या वाहन नंबर को रजिस्टर करना होगा। अतः किसी भी समय , पोर्टल पर ई -वे बिल में निर्दिष्ट वाहन का विवरण , वाहन के उस विवरण के साथ मेल खाना चाहिए , जिसके माध्यम से मॉल वास्तव में ले जाया जा रहा है।
प्र 25 - किसी ट्रांसपोर्टर को कैसे पता चलता है की कोई विशेष ई -वे बिल उसे निर्दिष्ट (असाइन )किया गया है ?
ऊ 25 - करदाता द्वारा ट्रांसपोर्टर को परिवहन हेतु निर्दिष्ट किये जाने की सूचना निम्नलिखित माद्यमो के माद्यम से मिलती है :-
- ई-वे बिल पोर्टल पर लॉगिन करने के बाद , ट्रांसपोर्टर रिपोर्ट सेक्शन में जा सकता है और "ईडब्लूबी असाइन टू मी फॉर ट्रांस " का चयन कर सूची देख सकता है। ई -वे बिल पोर्टल में लॉगिन करने के बाद, वह अपने डैशबोर्ड में यह जानकारी देख सकता है।
- ट्रांसपोर्टर " अपडेट व्हीकल नंबर " पर जाकर " जेनेरेट जीएसटीआईएन" विकल्प का चयन कर सकता है और उस करदाता के जीएसटीआईएन की एंट्री असाइन ई -वे बिल की जानकारी प्राप्त कर सकता है।
प्र 26 - क्या ई -वे बिल को हटाया (डिलीट ) या रद्द किया जा सकता है ?ऊ 26 - एक बार जेनेरेट किये गए ई -वे बिल को हटाया नहीं जा सकता। हालांकि जनरेशन के 24 घण्टे के भीतर जेनेरेटर द्वारा इसे रद्द किया जा सकता है। अगर किसी ई -वे बिल की सक्षम अधिकारी द्वारा जाँच की गई है , तो उसे रद्द नहीं किया जा सकता। इसके अलावा , ई -वे बिल को उन मामलों में रद्द किया जा सकता है जहाँ या तो मॉल परिवहन नहीं किया गया है अथवा मॉल ई -वे बिल में प्रस्तुत विवरण के अनुसार नहीं है।प्र 27 - ई -वे बिल को कौन और क्यों अस्वीकार कर सकता है और क्यों ?ऊ 27 - जो व्यक्ति मॉल का परिवहन करता है वह ई -वे बिल में प्राप्तकर्ता का विवरण निर्दिष्ट कर जेनेरेट करेंगा। कॉमन पोर्टल में दूसरी पार्टी के लिए एक प्रावधान है जो उनके जीएसटीआईएन के अंतर्गत जनरेटेड ई -वे बिल दिखाता है। दूसरी पार्टी के रूप में। ई -वे बिल में निर्दिष्ट इस तरह के मॉल की स्वीकृति या अस्वीकृति की सूचना दी जा सकती है। ई -वे बिल के जनरेशन के समय से 72 घंटो के भीतर या मॉल के डिलीवरी के समय , इनमे से जो भी पहले हो , तक अगर स्वीकृति या अस्वीकृति नहीं भेजी जाती है तो , यह समझा जायेगा की उसने विवरण स्वीकार कर लिया।प्र 28 - करदाता किन माद्यमो से ई -वे बिल जेनेरेट कर सकता है ?ऊ 28 - ई =वे बिल निम्नलिखित तरीको से जेनेरेट हो सकता है :-
- वेब आधारित सिस्टम के माध्यम से।
- एस एम एस आधारित सुविधा के माद्यम से।
- एंड्राइड ऐप के माद्यम से।
- बल्क जनरेशन के माध्यम से।
- साइट तो साइट इंटिग्रेशनं के माद्यम से।
- जी एस पी ( मॉल और सेवा कर सुविधा प्रदाता )के माध्यम से।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें